भाषा-प्रौद्योगिकी एक अंतरानुशासनिक विषय है. इसमें भाषाविज्ञान समकालीन वैश्विक फ़लक पर व्याप्त 'प्रौद्योगिकी' की सैद्धान्तिक उर्जा से सहबद्ध होकर स्वयं भाषाविज्ञान की वैज्ञानिकता को अभूतपूर्व ढंग से सार्थक करते हुए आम जन-मानस के समक्ष उपस्थित है. यह अनुशासन चिंतन के साथ ही पूरी तरह से प्रयोग पर आधारित है, जो अपने विभिन्न उपकरणों के साथ उपभोक्ताओं के लिए बडी तेजी से तैयार हो रहा है.
Wednesday, August 27, 2008
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